Saturday 25 August 2012

प्रदूषित सम्माज में पुर्होहितो की भूमिका







हिंदी अकादेमी के इस सत्र में "प्रदूषित सम्माज में पुर्होहितो की भूमिका" विषय पर मनन चिंतन किया गया। उपस्तित सदस्यों को  व्यक्तिगत स्तर पर अपने लिए एक "कार्य केन्द्रित मिशन जीवन " (praxis oriented missionary life ) के बारे में सोचने के लिए आमंत्रित किया गया। इस विषय पर जोर दिया गया की  पुरोहितिक प्रशिशन को , समाज और समाजजिक  विषयो के प्रति आलोचनात्मक , भविष्य सूचक एवं योजनाबद दृष्टिकोण अपनाने में मदद करना चाहिए।

Paper Presented on the day shared  these reflections - 


समाज के प्रति आलोचनात्मक दृष्टिकोण के फलस्वरूप ही पुरोहित बाईबल, विशेष रूप से सुसमाचार के सिधान्तों को  संस्कृति में फलदायक रूप में प्रचार कर पायेगा । आज के समाज में जो परिस्तिती हे वह हमारे गुरु और प्रभु येसु ख्रिस्त की परिकल्पना के अनुसार नहीं हे। आज के समाज में हिंसा और अन्याय का समिश्रण हे ।  बर्रैकपुर के पूर्व अन्ग्लिकां बिशोप Dr. D.C. Gorai कहते की इसी समाज में कलीसिया के नेताओ को मिशन के बारे में स्वयं को और दुसरो को विश्वास दिलाना हे क्योंकि क्रिस्तियों का अस्तित्व का नीव मिशन हे बड़ी सोच और ऊँची आकांशा के लिए हर पुरोहित बुलाया गया हे। Thomas Menamparambil ,गुवाहाटी के पूर्व अर्च्बिशोप पुरोहितो को सअम्बोदित करते हुए कहते हे - यदि हमारा सोच छोटा होगा तो भाविष्य में कलीसिया ऊँची उड़न नहीं भर पायेगा।
सत्र के दौरान समाज के निम्नलिकित  समस्याओं का उलेख हुआ - 

आम आदमियों की समस्या 

1. सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषय (Social and cultural Issues)
2. आर्थीक विषय (Economic Issues )
3. राजनैतिक विषय (Political Issues )
4. कुछ सोचनीय विषय (Issues of Grave Concern )

इस संदार्ब में पुर्होहितो को क्या भूमिका निभाना चिहिए? इसके उत्तर में निम्नलिकित सिदंतो पर विचार किया गया। 
 1. पुरोहितो को एसी समाज में गरीबो का साथ देना चाहिए।(Preferential Option for the poor )

 2. उनके कार्य द्वारा लोग इश्वर के प्रति आकर्षित होना चाहिए। (Apologetic Dimension )

 3. पुरोहितो को एक पैगम्बर का भूमिका निभाना चाहिए। (Prophetic Role )

 4. पुरोहितो की उपस्तिति शक्शिपूर्ण होना चाहिए। (From Presence to witnessing presence )

पुरोहित का सही पहचान तभी उभर के आएगा जब वह संसार के दुःख और तकलीफों में अपना हाथ डालेंगा।

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Jigmy Thomas
Hindi Academy Member
MRS+C

Sunday 19 August 2012

HINDI ACADEMY PLANNIG SESSION




पुरोहित केवल पूजा -पाठ के लिये नहीं होता है . वह आज भी कई माने में हमारे भारत देश के लोगों के लिए आगुआ एवं मार्ग -दर्शक के रूप में माना जाता है . आज के संदर्भ में यथासंभव उपयुक्त एवं प्रभावशाली मार्ग -दर्शक  होने के लिए उसे ईश -शास्त्र  एवं दर्शन -शास्त्र के अलावा और बहुत से विषयों से अवगत होना जरुरी है . लेकिन सभी विषयों को क्लास रूम में पढ़ना या पढ़ाना संभव नहीं . यही कारण है कि हम हिंदी परिषद् को इन सभी अतिरिक्त विषयों का विचार मंच बनाते हैं . हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मोर्निंग स्टार कालेज के छात्रों ने विवेचन हेतू निम्नलिखित विषय -वस्तु का चयन किया है, जिनकी प्रस्तुति की तारीख भी नीचे दी जा रही है :-

2012-13 के हिंदी परिषद्  के विभिन्न अधिवेशनों की प्रस्तुति :-

1. प्रदूषित समाज में पुरोहित की भूमिका   प्रस्तुति की तारीख  24.08.2012

2. कलीसिया में राजनीति का प्रभाव           प्रस्तुति की तारीख  28.09.2012

3. नये तरीके से ख्रीस्तीय विश्वास का प्रचार एवं प्रसार  प्रस्तुति की तारीख 30.11.2012

4. राजनीतिक क्षेत्र में ख्रीस्तीयों की सहभागिता पर विचार  प्रस्तुति की तारीख 01.02.2013

हरएक विषय -वस्तु की प्रस्तुति के तुरन्त बाद इसे आप के लिए इस पन्ने पर प्रकाशित किया जायेगा .